Renowned for its many wonderful healing properties, Amethyst is a very popular stone among crystal lovers.
From developing your intuition to opening your higher chakras, Amethyst is the perfect crystal when it comes to spiritual growth.
It is also well-known for its ability to enhance psychic abilities and self-awareness.
This crystal can also be used to restore balance in your body, mind, and soul.
It carries a calming energy that makes it especially useful for those struggling with stress or anxious thoughts.
On the other hand, Citrine has a captivating charm and warm energy.
It is an incredibly powerful crystal that can ignite a profound sense of joy and happiness within you.
It’s also known for being a stone of success, promoting self-confidence and personal power.
Citrine stimulates the brain and enhances creativity. It’s a great stone to use to revitalize the mind.
रत्न शास्त्र में बहुत से रत्नों के बारे में बताया गया है। ये रत्न बेहद ही प्रभावी होते हैं। कहा जाता है कि यदि रत्नों को सही तरीके के पहना जाए तो व्यक्ति की किस्मत चमक सकती है। इन्ही रत्नों में से एक है नीलम। ज्योतिष शास्त्र में नीलम रत्न को बेहद प्रभावशाली माना गया है। कहा जाता है कि यदि कुंडली में शनि दोष है तो व्यक्ति को नीलम धारण करना चाहिए। इससे शनि के बुरे प्रभाव काम होंगे। लेकिन बहुत अधिक कीमती होने की वजह से नीलम धारण कर पाना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पता है। इसके अलावा ये रत्न हर किसी को शुभ प्रभाव नहीं देता है। ऐसे में नीलम का एक उपरत्न होता है जमुनिया, जिसे धारण करने की सलाह दी जाती है। जमुनिया रत्न धारण करना आपके लिए शुभ साबित हो सकता है। हालांकि इसे धारण करने के भी कुछ नियम होते हैं। इसे ज्योतिष की सलाह पर ही धारण करना चाहिए। तो चलिए आज जानते हैं किन लोगों के लिए जमुनिया रत्न लाभकारी होता है…
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