Chrysoberyl Cat’s Eye – 2.50 Carat

37,500.00

  • Cat’s eye gemstone helps reinforce the position of planet Rahu and Ketu in the native Kundali. Ketu is the ascendant of religiosity. Wearing a Cat’s eye stone improves your spiritual abilities. As Ketu signifies grief and anguish, this blessed stone aids in deflecting sadness from your life.
  • Cat’s eye gemstone is suggested to people who suffer from depression. This gemstone has the power to increase the ability of the mind and regulates the mental imbalance in the lives of people. The astrological benefits of Cat’s eye help people to recover from stress.
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Cat’s eye gemstone helps reinforce the position of planet Rahu and Ketu in the native Kundali. Ketu is the ascendant of religiosity. Wearing a Cat’s eye stone improves your spiritual abilities. As Ketu signifies grief and anguish, this blessed stone aids in deflecting sadness from your life.

What is the benefit of chrysoberyl cats eye?

Cat’s eye gemstone is suggested to people who suffer from depression. This gemstone has the power to increase the ability of the mind and regulates the mental imbalance in the lives of people. The astrological benefits of Cat’s eye help people to recover from stress.

 

What are the benefits of chrysoberyl stone?

Chrysoberyl is an effective protective stone and, since ancient times, has been used to keep disaster at bay. Chrysoberyl transforms negative thoughts into positive energy. It increases self confidence and strengthens self worth. Chrysoberyl helps you to see both sides of a situation or problem.It brings compassion and generosity, and encourages forgiveness.  Chrysoberyl brings the qualities of discipline and self control.  It promotes concentration and the ability to learn, enabling the wearer to think clearly and far-sightedly.  Chrysoberyl aligns the solar plexus and crown chakras.  It opens the crown chakra and increases both spiritual and personal power.  Chrysoberyl is associated with wealth and is excellent for creativity.  It also promotes tolerance and harmony.

Chrysoberyl helps to highlight the cause of dis-ease.  It supports self-healing.  Chrysoberyl balances adrenaline and cholesterol, and fortifies the chest and liver.

 Cat Eye Stone: जब ग्रह कमजोर होते हैं तो किसी ना किसी रूप से ये व्यक्ति को परेशान करते हैं. इनसे बचने के लिए ज्योतिषी रत्न धारण करने की सलाह देते हैं. वैसे तो बहुत रत्न हैं, पर आज हम बात करेंगे लहसुनिया रत्न की, जो बहुत अधिक चमकीला होता है, जिसके कारण इसे ‘कैट्स आई’ के नाम से भी जाना जाता है. यह चार रंगों-सफेद, काला, पीला और हरा में होता है, जिनमें धारियां होती हैं. इस रत्न को ज्योतिषी तब धारण करने को बोलते हैं जब कुंडली में केतु के कारण अशुभ योग बनता है. इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इसलिए इसे धारण करते समय इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है.

ऐसे करें धारण
लहसुनिया रत्न को सोमवार के दिन कच्चे दूध व गंगाजल से धोकर इस मंत्र का उच्चारण ‘ओम स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः’ करते हुए अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए.

धारण करने की विधि

  • इस बात का ध्यान रखें कि इस रत्न को आप हमेशा के लिए धारण नहीं कर सकते.
  • यह रत्न वही लोग धारण कर सकते हैं, जिनकी कुंडली में केतु गलत स्थान पर हो और अशुभ परिणाम दे रहा हो. 
  • लहसुनिया आकार और वजन के हिसाब से अपना प्रभाव डालता है इसलिए व्यक्ति को अपने वजन के मुताबिक इसे धारण करना चाहिए.

किन लोगों को धारण करना चाहिए

  • अगर कुंडली में केतु पांचवे भाव के स्वामी के साथ हो या फिर भाग्येश के साथ हो तो लहसुनिया पहनना शुभ होता है.
  • किसी की जन्मपत्री में केतु मंगल, ब्रहस्पति और शुक्र के साथ हो तो वो लोग भी लहसुनिया रत्न पहन सकते हैं.
  • अगर केतु की अंतरदशा और महादशा चल रही हो तो उस समय इस रत्न को धारण करना लाभकारी होता है
  • कुंडली में केतु प्रथम, तीसरे, चौथे, पांचवे, नवें और दसवें भाव पर हो तो भी यह रत्न पहनना चाहिए.
  • किसी की कुंडली में केतु सूर्य के साथ हो या फिर सूर्य से दृष्ट हो तो उसे इस रत्न को पहनना चाहिए.
  • अगर कुंडली में केतु कमजोर है तो उसे मजबूत बनाने के लिए बनाने के लिए लहसुनिया रत्न धारण करें.

लहसुनिया रत्न धारण करने के लाभ

  • व्यवसाय में अगर लगातार हानि हो रही है या बिगड़े कार्य बन नहीं पा रहें तो ऐसे में लहसुनिया पहनने से बहुत लाभ मिलता हैं.
  • अगर कोई व्यक्ति किसी ना किसी रोग से ग्रस्त रहता है तो उसे चांदी की अंगूठी में लहसुनिया को बनवाकर मध्यमा ऊंगली में पहनें. इससे रोग में कमी आती है.
  • लहसुनिया को धारण करने से व्यक्ति का सांसारिक मोह छूटता है और अध्यात्म व धर्म की राह पर चलने लगता है.
  • अगर कोई व्यक्ति बुरी आत्मा व किसी भी प्रकार के भय से ग्रसित रहते हैं, तो लहसुनिया धारण करने से इन सबसे मुक्ति मिलती है.
  • आपका मन अगर शांत नहीं रहता और तनाव ने आपको घेर रखा है तो लहसुनिया धारण करने से मन शांत रहता है और तनाव दूर रहता है. इसके प्रभाव से स्मरण शक्ति तेज होती है.
  • अगर आपको बहुत जल्दी नजर लगती है तो चांदी के लॉकेट में लहसुनिया पहनें. ऐसा करने से नजर दोष का असर समाप्त हो जाता है.

रखें इन बातों का ध्यान

  • कभी भी ऐसे लहसुनिया को धारण ना करें, जो किसी भी तरीके से खंडित हो या फिर जिसे देखकर अच्‍छी अनुभूति नहीं हो रही हो.
  • लहसुनिया रत्न को कभी भी माणिक्‍य, मूंगा, मोती और पीला पुखराज के साथ नहीं धारण करना चाहिए.
  • हीरे के साथ लहसुनिया को कभी भी धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है. 
  • अगर लहसुनिया रत्न में चार या इससे अधिक धारियां हो तो इसे बिल्कुल न धारण करें, इससे लाभ की जगह हानि होती है.
  • जिन लोगों की कुंडली में केतु दूसरे, सातवें, आठवें या 12वें भाव में हो तो उन्हें भूलकर भी लहसुनिया धारण नहीं करना चाहिए.

 

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