Benefits of Wearing Emerald Stone
For Success In Creative Ventures.
Promotes Financial Growth.
Brings Wisdom & Intellect.
Refines Oratorship.
Improves Physical Health.
Bestows Matrimonial Harmony.
Astrological Benefits of Emerald Stone (Panna)
Since ancient times, Emerald or Panna rashi ratan is regarded as a highly effective astrological gemstone of vedic astrology. According to the classical Hindu literature, emerald gemstone represents small yet powerful planet Mercury (Budh) that bears a strong influence over native’s life. Being associated with planet Budh, emerald gemstone is also denoted as Budh Ratna.
It is primarily worn by the natives to strength the weakly placed Mercury in the horoscope and gain its positive influences in life.
यदि आपको लगता है कि तमाम कोशिशों के बाद भी आपको अपने कॅरिअर या कारोबार में सफलता नहीं मिल रही है. लंबे समय तक इंतजार करने के बाद भी आपका प्रमोशन कहीं नहीं न कहीं अटक जाता है, तो आप मनचाही सफलता पाने के लिए बुध के चमत्कारी रत्न पन्ना को धारण करके अपनी सभी समस्याओं से पार पा सकते हैं. पन्ना रत्न न सिर्फ बुध की राशि मिथुन और कन्या के लिए शुभ साबित होता है, बल्कि परीक्षा-प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे लोगों और व्यवसायियों के लिए भी लाभदायक साबित होता है. आइए पन्ना रत्न के गुण और इसे धारण करने के नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं.
किसे पहनना चाहिए पन्ना
ज्योतिष के अनुसार बुध की कृपा से बुद्धि का विकास होता है, जिसकी मदद से आप किसी भी बड़ चुनौती को पार पाने में कामयाब होते हैं. उसी बुध ग्रह की शुभता पन्ना रत्न दिलाता है. ज्योतिष के अनुसार लेखक, व्यापारी, नौकरीपेशा लोगों के साथ प्रमोशन की चाह रखने वाले लोगों को बुध का रत्न किसी ज्योतिषी की सलाह पर धारण करना चाहिए. इसी तरह यदि आपकी आपकी कुंडली में बुध अशुभ फल दे रहा हो तो भी आप इस रत्न को धारण कर सकते हैं. पन्ना धारण करने पर व्यक्ति की एकाग्रता और बौद्धिक क्षमता बढ़ती है. चूंकि बुध वाणी का भी कारक है, इसलिए टीवी एंकर, नेता, प्रवक्ता, रेडियो जॉकी आदि के लिए यह रत्न अत्यंत ही शुभ साबित होता है. पन्ना के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की वाणी में चमत्कारिक रूप से ओज आता है.
पन्ना धारण करने की विधि
पन्ना रत्न को किसी ज्योतिषी से पूछकर उचित भार का धारण करना चाहिए. इसे खरीदते समय जरूर देख लें कि यह किसी प्रकार के दोष से ग्रसित न हो. पन्ना रत्न को सोने या फिर तांबे की अंगूठी में बनवाने के बाद बुधवार के दिन सूर्योदय से पूर्व ब्रह्ममुहूर्त में कनिष्ठा अंगुली में धारण करना चाहिए. पन्ना रत्न को अंगूठी में इस तरह से जड़वाएं कि वह आपकी त्वचा को छूती रहे.
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