It is recommended for those in banking, finance, and share market trading to attract prosperity and multiple sources of income. Emerald also helps improve communication skills and has healing properties for skin and ear problems, as well as speech-related disorders.
Emerald Gemstone in Hindi: कुंडली में ग्रह दोष को दूर करके उनके शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। रत्न शास्त्र के अनुसार हर रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। रत्नों को धारण करके आप उस रत्न से संबंधित ग्रह को मजबूत बना सकते हैं। साथ ही परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। इन्हीं नवरत्नों में से एक है पन्ना। हरे रंग का ये रत्न बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। हीरा और नीलम के बाद पन्ना खूबसूरती के लिए मशहूर है। रत्न शास्त्र में पन्ना धारण करने के कई फायदे बताए गए हैं। कहा जाता है कि पन्ना को धारण करने से सोई हुई किस्मत भी जाग जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं पन्ना किन लोगों को धारण करना चाहिए और इसके नियम क्या हैं…
पन्ना धारण करने के लाभ
पन्ना बुध ग्रह का रत्न है, इसलिए इसको धारण करने से वाकपटुता अच्छी होती है। इसे पहनने से व्यापार में लाभ मिलता है। साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इसे धारण करने से त्वचा रोगों में भी लाभ मिलता है। ये रत्न व्यक्तित्व को निखारता है।
इन लोगों के लिए लाभकारी है पन्ना
रत्न शास्त्र के अनुसार वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले जातक पन्ना धारण कर सकते हैं। इन राशि वालों को पन्ना लाभ पहुंचाता है। लेकिन मेष, कर्क और वृश्चिक वालों को पन्ना धारण नहीं करना चाहिए।
किन परिस्थितियों में धारण करें पन्ना
पन्ना अगर मिथुन लग्न वाले धारण करें तो पारिवारिक परेशानियों से राहत मिल सकती है। माता का स्वास्थ ठीक रहता है। जनता से संबंधित कामों में सफलता मिलती
कन्या लग्न वाले व्यक्ति भी पन्ना पहनकर राज्य, व्यापार, पिता, नौकरी, शासकीय कार्यों में लाभ पा
सकते हैं अगर कन्या लग्न वाले बेरोजगार हैं तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
अगर किसी के जन्म लग्न में बुध छठे, आठवें, 12वें भाव में हो तो वे पन्ना पहन सकते हैं।
बुध अगर नीच मीन राशि का हो तो वह भी पन्ना पहन सकते हैं।
अगर बुध धनेश होकर नवम भाव में हो, तृतीयेश होकर दशम भाव में हो, चतुर्थेश सुखेश होकर आय
एकादश स्थान में हो तो पन्ना पहनना अत्यंत लाभकारी होता है।
बुध अगर सप्तमेश होकर दूसरे भाव में हो नवमेश चतुर्थ भाव में हो, एकादशेश होकर छठे भाव में हो तो
पन्ना अवश्य पहनना चाहिए।
अगर बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अष्टम भाव में हो तो पन्ना पहनना शुभ रहता है।
अगर बध की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो पन्ना अवश्य पहनें।
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