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Pukhraj Ke Fayde: हमारी जिंदगी में रत्नों का बहुत महत्व है. और राशि के अनुसार रत्न धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि का विकास होता है. इतना ही नहीं धन, मान-सम्मान आदि में भी वृद्धि होती है. इन्हीं चमत्कारी रत्नों में से एक पुखराज रत्न (Pukhraj Gemstone) है. पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न (Pukhraj Thursday Ratan) है, जिसका रंग पीला होता है. कहते हैं कि जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थिति में होता है, तो उसके लिए पुखराज बहुत फलदायी होता है. इसे धारण करने के बाद शिक्षा, धन-संपत्ति और मान-सम्मान में वृद्धि होने की मान्यता है. इतना ही नहीं, जिन लोगों के विवाह में कोई रुकावट आ रही होती है, उन्हें भी पुखराज रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं पुखराज पहनने के फायदे..
मान्यता है कि पुखराज या कोई भी अन्य रत्न धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें. लोग अकसर सोचते हैं कि रत्न धारण करने से सिर्फ लाभ और सौभाग्य में वृद्धि होती है, लेकिन ऐसा नहीं है. बिना ज्योतिष से सलाह लिए कोई भी रत्न धारण करना हानिकारक हो सकता है. वहीं धोखे से या चुराए हुए रत्न को धारण करने से लोगों को कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है. इसलिए बिना सोचे समझे या बिना सही जानकारी के किसी भी रत्न को धारण करने से परहेज करना चाहिए.
पुखराज के फायदे (Pukhraj Benefits)
-पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न होने के कारण इसे धारण करने से धन-भाग्य में वृद्धि होती है.
-पुखराज हमेशा कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति के हिसाब से ही धारण किया जाता है. इसे वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, कुंभ राशि और लग्न वाले लोगों को धारण करने से बचना चाहिए.
-ज्योतिषियों के अनुसार पुखराज उन्हें धारण करने की सलाह दी जाती है, जिनके विवाह में देरी हो रही होती है.
-धनु राशि वाले लोगों के लिए पुखराज बहुत लाभकारी माना जाता है
-कमजोर पाचन तंत्र और पेट की बीमारी वाले लोगों को भी पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है.
-धार्मिक और आध्यात्मिक कामों से जुड़े लोगों के लिए भी ये रत्न लाभकारी होता है.
-कानूनी पेशे से जुड़े लोगों के लिए काफी लाभदायक होता है.
पुखराज धारण करने की विधि (How to Wear Pukhraj)
रत्नों को धारण करने की भी एक विधि होती है. पुखराज पहनने के लिए बुधवार के दिन सुबह स्नान ध्यान करने के बाद गंगाजल में दूध मिलाकर उसमें डाल दें. बृहस्पति ग्रह का रत्न होने के कारण इसे गुरुवार को पहनने की सलाह दी जाती है. इसलिए गुरुवार के दिन ऊं बृं बृहस्पते नमः की कम से कम एक माला जाप करने के बाद हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण ककर लेना चाहिए.
इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि पुखराज धारण करने के बाद बुधवार और गुरुवार के दिन नसा और मांस आदि का सेवन भूलकर भी न करें. पुखराज गुरुवार के दिन सूर्योदय से लेकर सबुह 10 बजे तक के बीच में किसी भी समय धारण किया जा सकता है.
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